साल 2030 तक दुनिया की कम से कम 30 प्रतिशत भूमि और महासागरों की रक्षा के लिये अंतर्राष्ट्रीय समझौतों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित ‘प्रकृति एवं लोगों के लिये उच्च आकांक्षा गठबंधन’ (एचएसी) में शामिल होने की अमेरिका ने आधिकारिक घोषणा की है।
भारत गत साल इस गठबंधन में शामिल हुआ था। पलाउ देश में 13-14 अप्रैल को आयोजित सातवें हमारे महासागर सम्मेलन में अमेरिका ने इस बाबत घोषणा की।इस गठबंधन में दुनिया के 90 से अधिक देश शामिल हैं।
दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने प्रकृति के संकट में होने और प्राकृतिक वास यानी हैबिटेट की हानि होने, प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों के दोहन, जलवायु परिवर्तन आदि के बारे में कई चेतावनियां दी हैं। इससे सभी जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरा है।
इस बारे में कई वैज्ञानिक सबूत मिले हैं कि अगर दुनिया की कम से कम 30 प्रतिशत भूमि और महासागरों का संरक्षण किया जाये तो इससे न सिर्फ जैव विविधता में हो रही क्षति रूकेगी बल्कि इससे भविष्य की महामारियों को रोका जा सकता है और आर्थिक विकास को गति दी जा सकती है।अमेरिका को जैव विविधता का भंडार माना जाता है।
अमेरिका महासागर और भूमि के मामले में काफी संपन्न है। यहां कई प्रजातियां पायी जाती हैं, जिनमें से कई विलुप्तप्राय होने के कगार पर हैं।
कैंपेन फॉर नेचर के निदेशक ब्रायन ओ डॉनेल ने आईएएनएस को कहा कि एचएसी में शामिल होकर अमेरिका प्राकृतिक संरक्षण में वैश्विक नेतृत्व का प्रदर्शन कर रहा है।
उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि अमेरिका में कई प्रजातियां हैं। अमेजन और कांगो बेसिन के जंगल जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिये जरूरी हैं। यह जरूरी हो गया है कि पूरी दुनिया एक होकर प्राकृतिक संकट का सामना करे।