नोएडा के घिजोड़ गांव में 1990 में हुए भूमि अधिग्रहण मामले में भूस्वामी किसानों ने मुआवजा बढ़वाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने भूस्वामी किसानों की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार व नोएडा अथारिटी को नोटिस जारी किया है।
सरकार और अथारिटी को चार सप्ताह में याचिका का जवाब दाखिल करना है। ये नोटिस जस्टिस इंदिरा बनर्जी औरर् संजीव खन्ना की पीठ ने किसानों के वकील राजीव शर्मा की दलीलें सुनने के बाद गत शुक्रवार 22 जनवरी को जारी किए।
घिजोड़ गांव के करीब 90 भूस्वामी किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में आठ याचिकाएं दाखिल की हैं। इन याचिकाओं में किसानों ने नियोजित विकास के लिए 1990 में अधिग्रहित की गई उनकी जमीन का मुआवजा 297 रुपये प्रति वर्ग गज से बढ़ा कर 400 रुपये प्रति वर्गगज करने की मांग की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2019 को जमीन का मुआवजा 176 रुपये प्रति वर्गगज से बढ़ाकर 297 रुपये प्रति वर्गगज कर दिया था लेकिन किसान इससे संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए और मुआवजा बढ़ाने की मांग की हैं।
हालांकि इसी मामले में नोएडा अथारिटी ने भी पहले से याचिका दाखिल कर रखी है जिसमें अथारिटी ने हाईकोर्ट द्वारा तय 297 रुपये प्रति वर्गगज का मुआवजा घटा कर 214 रुपये प्रति वर्गगज किये जाने की मांग की है जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व के एक मामले में किया था।
नोएडा अथारिटी की याचिका पर कोर्ट पहले ही नोटिस जारी कर चुका है और वह याचिका भी अभी लंबित है। शुक्रवार को कोर्ट ने भूस्वामियों की मुआवजा बढ़ाने की मांग वाली विशेष अनुमति याचिकाओं और विशेष अनुमति याचिकाएं दाखिल करने में हुई देरी माफ करने की अर्जियों पर नोटिस जारी किया। नोएडा अथारिटी तथा उत्तर प्रदेश सरकार को चार सप्ताह में जवाब देना है। कोर्ट ने किसानों की याचिकाओं को भी नोएडा अथारिटी की पहले से लंबित याचिका के साथ संलग्न करने का आदेश दिया है।