महाराष्ट्र के शहर मालेगांव में वर्ष 2008 में हुए ब्लास्ट मामले में मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान, अदालत के आदेश के बावजूद आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत चार आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए। हालांकि, मालेगांव ब्लास्ट केस में अन्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, समीर कुलकर्णी और अजय रहीरकर अदालत में पेश हुए।
मालेगांव विस्फोट मामले में मुंबई की विशेष एनआइए अदालत ने गुरुवार को सभी आरोपियों को अगली तारीख 19 दिसंबर को पेश होने के निर्देश दिए।
दरअसल, विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश पीआर सितरे ने भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन भोपाल की सांसद और मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर दिवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी अदालत में नहीं पहुंचे।
प्रज्ञा की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत मग्गू ने कहा, “हमने अदालत को बताया कि आज के हालात में यात्रा और परिवहन बड़ा मसला है और सभी आरोपी आना चाहते थे, लेकिन इतने कम समय में वे नहीं आ सके। ”
बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत को बताया कि इस मामले के कुछ आरोपी उत्तर भारत में रहते हैं और तमाम प्रतिबंधों के कारण वहां से यात्रा करके आने में कम से कम 8 दिन लगेंगे।
अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अब सभी आरोपियों को 19 दिसंबर को पेश होने का आदेश दिया है। इसी बीच एक गवाह को अदालत में लाया गया। गवाह संख्या 124 के तहत ये वह व्यक्ति है, जिसने 2008 में विस्फोट के बाद वहां मौजूद था। इस गवाह से सवाल-जवाब किए गए। हालांकि, बचाव पक्ष के वकीलों ने उससे कोई सवाल नहीं पूछा।
गवाह ने कहा कि यदि उसे क्रॉस एक्जामिनेशन के लिए वापस अदालत आना है, तो उसके लिए एक आवास की व्यवस्था करने की जरूरत होगी। दो आरोपियों को छोड़कर, साध्वी प्रज्ञा सहित अन्य आरोपियों के वकीलों ने 2000 रुपये नकद जमा किए और इसे गवाह को देने के लिए अदालत को सौंप दिया। 4 दिसंबर को गवाह का क्रॉस एक्जामिनेशन होगा।
बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर पिछले साल जून में अदालत में पेश हुई थीं।