राज्यसभा में जुवेनाइल जस्टिस बिल पर चर्चा के बाद इस बिल को पास कर दिया गया. इससे पहले राज्य सभा में काफी देर तक चर्चा हुआ. सदन में बिल ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
इस बिल में नाबालिग की उम्र 18 से घटाकर 16 साल कर दिया. हालांकि इस कानून को किसी भी नाबालिग पर तभी लागू किया जाएगा जब वह जघन्य अपराध में शामिल होगा. सरकार ने जघन्य अपराध में हत्या, डकैती के साथ हत्या, और बलात्कार जैसे अपराध को शामिल किया गया है.
इससे पहले कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नाबालिग की उम्र को लेकर एक राय नहीं है. लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि अपराधी नाबालिगों का गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
बिल को राज्यसभा से पास कराने के लिए पेश किया गया. महिला एंव बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि यह बोर्ड तय करेगा कि अपराध के वक्त नाबालिग की मानसिकता बालपन की थी या वयस्क.
आजाद ने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को और अधिकार देने चाहिए. उन्होंने जेलों में सुधार की वकालत करते हुए कहा कि जेलों में अपराधियों को शिक्षित करने का भी एक सिस्टम होना चाहिए. उन्हें अपनी जिदंगी में सकारात्मक बदलाव लाने का मौका दिया जाना चाहिए. राज्य सभा में इस बहस के दौरान निर्भया के माता-पिता भी मौजूद थे.
wefornews Bureau