युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और जमीनी स्तर पर उन्हें सुविधाएं जुटाने में सहायता करने लिये केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘स्टार्ट अप इंडिया’ का शनिवार को आगाज हो गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार सुबह अभियान का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर दिये अपने भाषण में स्टार्ट अप योजना की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री विज्ञान भवन में योजना का एक्शन प्लान लॉन्च किया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी स्टार्ट अप अभियान का स्वागत करते हुए कहा कि यह बहुत पहले ही होना चाहिए था। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि इस देरी के लिए मैं भी जिम्मेदार हूं क्योंकि मैं भी काफी समय तक प्रशासन में रहा हूं। भारत को अगले 10-15 वर्षों तक 10 फीसदी की दर से विकास करने की जरूरत है ताकि देश को गरीबी रेखा से ऊपर लाया जा सके और शिक्षा, स्वास्थ्य, ढांचागत सुविधा और नौकरियों जैसी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार सुबह स्टार्ट अप इंडिया अभियान की शुरुआत करते हुए कहा- ‘स्टार्ट अप मूवमेंट के तहत ज़मीनी स्तर पर उद्यमों और युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। सरकार अगले महीने बजट में एक अनुकूल कर प्रणाली की घोषणा करेगी, जिससे देश में स्टार्ट अप स्थापित करने को प्रोत्साहन मिलेगा। हमने उद्योगों के अनुकूल कर प्रणाली पर काम किया है।’
जेटली ने स्टार्ट अप यूनिट्स को बैंकिंग प्रणाली और सरकार दोनों के माध्यम से संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया और कहा कि इस खंड के कारोबारी या मैनुफेक्चरिंग कंपनियों (विनिर्माण प्रतिष्ठान) के वित्तपोषण से अगले दो साल में तीन लाख से ज्यादा नये उद्यमी तैयार होंगे। साथ ही उन्होंने इसे लाइसेंस राज के खात्मे की ओर आखिरी कदम बताया।
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