मोदी सरकार के विवादित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन को अब तीन महीने हो चुके हैं। ऐसे में इस आंदोलन को एक बार फिर नई धार देने और देशभर में इन कानूनों के खिलाफ लोगों को जानकारी देने के लिए किसानों ने आज कन्याकुमारी से कश्मीर तक एक साइकिल मार्च निकालने का फैसला किया है।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने बताया कि 12 मार्च को साइकिल यात्रा की शुरूआत की जाएगी। इस साइकिल मार्च में कन्याकुमारी से कश्मीर तक 8308 किलोमीटर का सफर पूरा किया जाएगा। इस मार्च का उद्देश्य लोगों को तीन कृषि कानूनों के बारे में जानकारी देना है। हालांकि ये यात्रा 20 राज्यों से होते हुए गुजरेगी और जो लोग साइकिल नहीं चला सकते, वह दूसरे वाहनों से इसमें शामिल हो सकेंगे।
संजय सिंह ने इस यात्रा के बारे में जानकरी देते हुए बताया कि हम कन्याकुमारी से 20 राज्य होते हुए करीब 8308 किलोमीटर की एक यात्रा कर रहे हैं। जिसका नाम किसान साइकिल मार्च है। उन्होंने कहा कि “कॉरपोरेट सेक्टर का शिकंजा जिस तरह सरकार पर कसता जा रहा है, उसके विरोध में पूरे देश के किसानों को एक जगह पर इकट्ठा करने का प्रयास करेंगे।”
बता दें कि मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गतिरोध के हल के लिए सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। दूसरी ओर फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं हो रही है।
आईएएनएस