विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत बिमस्टेक संगठन के अंतगर्त क्षेत्रीय सहयोग की रफ्तार तेज करने और इस संगठन को अधिक सुदृढृ, जीवंत, कारगर तथा सफल बनाने के लिए वचनबद्ध है। विदेश मंत्री ने यह वक्तव्य आज बिमस्टेक की 17वीं मंत्री स्तरीय बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में बिमस्टेक सामूहिक प्रयासों और सहयोग की भावना से नई ऊचाईयां छुएगा।
उन्होंने कहा कि यह संगठन दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों को आपस में जोड़ता है और यही इसकी सबसे अनोखी खूबी है। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि भारत की विदेश नीति में बिमस्टेक की भूमिका लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है। उन्होंने कहा कि मई 2019 में भारत सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में बिमस्टेक नेताओं की भागीदारी इसका एक प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में बिमस्टेक संभावनाओं से भरे उपक्षेत्रीय संगठन के रूप में उभरकर सामने आया है, जिसमें सदस्य देशों के सामरिक और आर्थिक हित बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की दिलचस्पी भी बढ़ रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि बिमस्टेक में नई गतिशीलता लाने के हमारे सामूहिक संकल्प से इस संगठन में नई जान आई है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सदस्य देशों के बीच बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक सहयोग से क्षेत्र में आर्थिक विकास की रफ्तार तेज हो रही है।
डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि काठमांडू में हुए पिछले बिमस्टेक शिखर सम्मेलन में भारत ने आपसी सहयोग बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में क्षमता निर्माण के लिए कई पहलों की घोषणा की थी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इनमें से कई पहलों पर अमल शुरू हो गया है।
डॉक्टर जयशंकर ने विकास और खुशहाली के लिए शांति तथा सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए बिमस्टेक सहयोग संधि पिछले महीने से लागू हो गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी संधियों से इस क्षेत्र में आपसी सहयोग को सुदृढ़ करने का मजबूत कानूनी आधार तैयार होगा।
विदेश मंत्री ने आपदा प्रबंधन को बिमस्टेक देशों के बीच सहयोग का एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया। उन्होंने कहा कि भारत में स्थापित बिमस्टेक मौसम और जलवायु केन्द्र पूरी तरह चालू हो चुका है और इसके प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व चेतावनी देने की लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।