बेहतर शिक्षा और आजीवन शिक्षा – सभी के लिए सुलभ और सस्ती – डिजिटल रूप से इस दशक में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 8 ट्रिलियन डॉलर की भारी वृद्धि कर सकती है।
Browsing: ओपिनियन
Find out the views, opinions, analysis of our experts on entertainment, news, economy, science, spirituality and much more at WeForNews.
Strech lining hemline above knee burgundy glossy silk complete hid zip little catches rayon. Tunic weaved strech calfskin spaghetti straps…
Dropcap the popularization of the “ideal measure” has led to advice such as “Increase font size for large screens and…
Strech lining hemline above knee burgundy glossy silk complete hid zip little catches rayon. Tunic weaved strech calfskin spaghetti straps…
Dropcap the popularization of the “ideal measure” has led to advice such as “Increase font size for large screens and…
भोपाल , 18 मई | मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान कई निजी अस्पतालों के कथित सेवा भावी चेहरे बेनकाब…
मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ और संप्रभुता के प्रतीक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का बड़े पैमाने पर निजीकरण कर अपने देशी – विदेशी आकाओं के सामने आत्म समर्पण कर दिया है।
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर : दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर पहला प्रमुख किसान आंदोलन स्थल सिंघु सीमा, पिछले 17 दिनों के दौरान…
केन्द्र सरकार इस बात को लेकर बहुत सन्तुष्ट नज़र आती है कि ताज़ा कृषि क़ानूनों का अभी मुख्य रूप से…
मोदी युग की सबसे बड़ी पहचान यही हो गयी है कि यहाँ ‘मन की बात’ की तो भरमार है लेकिन ‘काम की बात’ को ढूँढ़ना मुहाल है। इसीलिए ‘टाइम’ और बोलिविया के अनुभवों से सीखना ज़रूरी है। देश बेचने वालों से निपटना ज़रूरी है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा के हवाले से शाहीन बाग़ वाले संविधान बचाओ आन्दोलन को जल्द बहाल करने की…
दिलीप घोष ने बीते नवम्बर में रहस्योद्घाटन किया था कि ‘भारतीय नस्ल की गायों में एक खासियत होती है। इनके दूध में सोना मिला होता है और इसी वजह से उनके दूध का रंग सुनहरा होता है। उनके एक नाड़ी होती है जो सूर्य की रोशनी की मदद से सोने का उत्पादन करने में सहायक होती है। इसलिए हमें देसी गायें पालनी चाहिए।
आश्चर्य की बात तो यह भी है कि सरकार को नाख़ुश कर रहे 19 हाईकोर्ट का क्षेत्राधिकार तक़रीबन 90 फ़ीसदी आबादी से जुड़ा हुआ है। क्या यह माना जाए कि कोरोना संकट के आगे देश का सारा संवैधानिक ढाँचा चरमरा चुका है। हालात पूरी तरह से हाथ से निकल चुके हैं। सरकारों ने जनता को उसकी क़िस्मत के हवाले कर दिया है।
ऐसे वक़्त में जब कोरोना संक्रमण से पैदा हुई चुनौतियाँ बेक़ाबू ही बनी हुई हैं, तभी हमारी राज्य सरकारों में…
राजनीति में हवा का रुख़ पलटने में ज़्यादा देर नहीं लगती। इसीलिए सभी राजनेता हर बात का राजनीतिकरण करने का मौक़ा ढूँढते रहते हैं। यह हवा जिसके ख़िलाफ़ होती है, वो हमेशा ‘इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए’ की दुहाई देता रहता है। पहले से ही अर्थव्यवस्था ख़राब हालत में थी। लॉकडाउन ने बचे-खुचे को भी ध्वस्त कर दिया। ग़रीबों पर ऐसी मार पहले कभी नहीं पड़ी। इसीलिए रेल-भाड़े की पेशकश कांग्रेस के लिए टर्निंग प्वाइंट बन सकती है।
मुख्यमंत्रियों के साथ 27 अप्रैल को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो सबसे बड़ी बात कही, उसे…
वैसे तो सारी दुनिया में जनता की नब्ज़ को भाँपने के लिए अनेक सर्वेक्षण होते हैं, लेकिन अमेरिकी सर्वेक्षणों की…
अमेरिका की तुलना में, चीन ने वायरस पर प्रभावी ढंग से काबू पाया है। उसने अभूतपूर्व ढंग से महामारी-रोधी उपाय अपनाये हैं और दुनिया को इस महामारी के खिलाफ लड़ने के प्रति मजबूत इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास का जोश भरा है।
नई दिल्ली, 2 अप्रैल | देश की अगर 50 प्रतिशत आबादी मास्क पहनती है, तो सिर्फ 50 प्रतिशत आबादी को…
संवैधानिक पदों का दायित्व सम्भालने वालों के लिए संविधान में पद और गोपनीयता की शपथ लेने का विधान बनाया गया…
क्या बीजेपी ने दिल्ली में अपने पुनर्निर्वाचित विधायक ओम प्रकाश शर्मा को सुपर पीएम बना दिया है? वर्ना वो कैसे…
हेमंत सोरेन ने ‘बदलाव यात्रा’ की शुरुआत संथाल परगना के साहिबगंज से की थी और इसका समापन रांची में हुआ। इस यात्रा के दौरान उन्होंने पूरे झारखंड के सुदूर इलाकों का दौरान किया और लोगों की समस्याएं सुनीं और उसके समाधान का वादा किया।
IT Cell की बदौलत तरह-तरह के झूठ, अफ़वाह और विरोधियों के चरित्र-हनन का सहारा लेकर बीजेपी ने 2014 में सबको धूल चटा दी। तब तक उसका IT Cell अभेद्य दुर्ग की तरह अपराजेय बन चुका था। 2015 में आम आदमी पार्टी ने भी बीजेपी के आज़माये हुए इसी नुस्ख़े को और सफलता से अपनाया।
शिवसेना को अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपने दो परंपरागत प्रतिद्वंद्वियों एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन लेना पड़ेगा। ऐसे में यहां अब सवाल यह उठता है कि हिंदू हृदय सम्राट बाल ठाकरे की शिवसेना उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की अनुवाई में सत्ता के लिए कट्टर हिंदुत्ववाद का रास्ता छोड़ देगी और सेकुलर शब्द को ‘छद्म’ कहने वाली शिवसेना सेकुलर रास्ता अख्तियार करेगी?
भोपाल, 13 मई (आईएएनएस)| टाइम पत्रिका द्वारा अपने मुख पृष्ठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘डिवाइडर इन चीफ’ करार दिए…
मेरठ, 5 अप्रैल | क्रांतिधरा कही जाने वाली मेरठ की धरती पर इस बार का लोकसभा चुनाव का मुकबला बहुत…
“इससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि मतदाता सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। सरकार को प्राथमिकताएं तय करनी होंगी और इन क्षेत्रों में अधिक निवेश करना होगा।”
कभी पाकिस्तान के सबसे ख़ास दोस्त रहे अमेरिका के सामने अब धर्मसंकट है। अमेरिका को प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर ये स्वीकार करना होगा कि पाकिस्तान को लेकर उसकी पुरानी नीति ग़लत थी।
घंटों की चुप्पी के बाद भारत ने पुष्टि की कि उसका एक पायलट कार्रवाई में लापता है, लेकिन इससे ज्यादा कुछ बताने से मना कर दिया। इस बात की भी पुष्टि की गई कि भारत ने पाकिस्तान के एक विमान को मार गिराया, लेकिन यह नहीं बताया कि क्या यह एफ-16 है।
नई दिल्ली, 16 फरवरी | सीआरपीएफ की टुकड़ी पर गुरुवार को पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद कड़ी कार्रवाई…
प्रमुख राज्यों और सहयोगियों को संभालने वाले एक सशक्त कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस महासचिव कमलनाथ ने मध्यप्रदेश की सत्ता के…
नई दिल्ली, 9 फरवरी | पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने अंतरिम बजट में सरकार द्वारा किसानों के लिए की गई…
देश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री रह चुके कमलनाथ एक समय संकट में फंसी विश्व व्यापार वार्ता में भारत का…
क्या प्रियंका वाड्रा, राहुल गांधी का ब्रहमास्त्र हैं, जिनका निशाना केवल भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) है? या कांग्रेस अध्यक्ष के निशाने…
प्रियंका की चारुता और लंबी कद-काठी व उनके साड़ी पहनने का ढंग बिल्कुल इंदिरा गांधी जैसा है। प्रियंका की शख्सियत सार्वजनिक जीवन के लिए काफी आशावादी है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का कहना है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा)…
संसद में सार्थक चर्चा नहीं हो रही। प्रक्रिया और परम्परा दम तोड़ चुकी है। नौकरशाही भी दमघोटू हाल में है। लोकतंत्र की लौ फड़फड़ा रही है।
ताज़्ज़ुब की बात है कि क़ानून मंत्री और केन्द्र तथा बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों में बैठे गणमान्य लोग, सार्वजनिक तौर पर ऐसे बयान देते रहे हैं, जिनसे साफ़ तौर पर कोर्ट के इन आदेश की अनदेखी होती है। ये सीधे-सीधे अदालत की अवमानना है।
चतुर्वेदी का आरोप है कि केंद्र की सरकार बदलते ही बुंदेलखंड के हालात को बदलने वाली इस परियोजना को ही बंद करने का फैसला ले लिया गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सब इसलिए हो गया, क्योंकि राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकारें थीं।
उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन गांव के गरीबों के लिए समर्पित कर दिया। इसीलिए देश के लोग मानते रहे हैं कि चौधरी चरण सिंह एक व्यक्ति नहीं, विचारधारा का नाम है।
जानी-मानी रंगमंच व फिल्म अभिनेत्री ने कहा कि शिक्षा के मूल्य पर सवाल उठाना महत्वपूर्ण है।
“महान टीम असाधारण परिणाम प्रदान करती है, मैं टीम एआईसीसी, हमारे महासचिव, राज्य-प्रभारी, सचिवों और अन्य सभी असंगत नायकों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपनी जीत हासिल की।”
देश के प्रधानसेवक से शुरू करें तो नरेंद्र मोदी ने संसद में जिस अंदाज में कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी की हंसी की तुलना शूर्पणखा से की और इस पर जिस अंदाज में संसद में बैठे नेताओं ने ठहाके लगाए, यह दृश्य सारी हकीकत बयान कर देता है।
साल 2003 की मिस इंडिया का कहना है कि महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न पर लगाम लगाने व समाज में सुधार और बदलाव लाने के लिए घर से शुरुआत करनी चाहिए और बाहर के बजाय सबसे पहले घर में झांककर देखना चाहिए कि घर में क्या हो रहा है।
कथाकार वीणा का कहना है कि पुरस्कार एक उपलब्धि होती है, इसे नकारा नहीं जा सकता, लेकिन साहित्य सृजन की चीज है, जिसका सही मूल्यांकन पाठक ही करते हैं।
“अब लोग कंटेंट के भूखे हैं..चीजें बदल गई हैं। पहले लोग अक्सर बड़े पर्दे पर बस अपने पसंदीदा सितारों को देखने के लिए थिएटर जाते थे, उन्हें कहानी से कोई मतलब नहीं होता था और अब वही लोग हैं जो कहानी के बारे में जानना चाहते हैं। वे फिल्म की समीक्षा पढ़ते हैं और उसके बाद किसी एक फिल्म को देखने के लिए थिएटर पर जाते हैं।”
नई दिल्ली, 27 नवंबर | जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की बेटी और कांग्रेस नेता सचिन पायलट…
सत्यव्रत चतुर्वेदी के पिता बाबूराम चतुर्वेदी और मां विद्यावती चतुर्वेदी कांग्रेस की प्रमुख नेताओं में रही हैं। दोनों ने आजादी की लड़ाई लड़ी, इंदिरा गांधी के काफी नजदीक रहे।
अब तक सवा सौ करोड़ भारतवासियों के सामने 9, 20, 26 और 40 फ़ीसदी कम पर राफ़ेल सौदा करने का दावा किया जा चुका है! इसमें ग़ौर करने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि जैसे-जैसे वक़्त बीत रहा है, वैसे-वैसे राफ़ेल सौदे पर हुई बचत का आँकड़ा भी विकास के नये-नये कीर्तिमान बना रहा है! बिल्कुल पेट्रोल-डीज़ल, सीएनजी और रसोई गैस के क़ीमतों की तरह!
वह धर्म जो सर्वज्ञानी सृजनकर्ता पर सवाल करता हो वह मेरे विचार से आधुनिक और उत्तर आधुनिक चैतन्य के लिए अनोखा धर्म है।
नई दिल्ली, 13 सितम्बर | केंद्र सरकार ने रुपये की गिरावट को थामने की हरसंभव कोशिश करने का भरोसा दिलाया…
‘बीजेपी 50 साल तक सत्ता में रहेगी!’ अमित शाह ने ये शिगूफ़ा छोड़ते ही नरेन्द्र मोदी के कान में फुसफुसाया…
हमारी पृथ्वी कार्रवाई करने और वह भी एक छोटी अवधि के अंदर कार्रवाई करने का एक स्पष्ट संदेश दे रही…
देश की सबसे विशाल व पवित्र माने जाने वाली नदी गंगा की हालत खस्ता है। चार धाम यात्रा के लिए…
एकता परिषद के संस्थापक और गांधीवादी पी.वी. राजगोपाल इन दिनों राजनीतिक दलों के रवैए से खुश नहीं हैं। उनका कहना…
“यह केंद्र सरकार की साजिश है कि जो लोग आपसे सहमत नहीं हैं, उन्हें अलग-अलग तरह के लेबल दे दो, कभी उन्हें देशद्रोही करार दे दो, कभी हिंदू विरोधी कह दो। इस तरह किसी का अपमान कर, उन पर हमला कर घटिया लेबल लगाना लोकतंत्र नहीं है।”
इतना तो आप जानते ही हैं कि देश के कई संघ-बीजेपी शासित राज्यों पर बीफ़ खाने पर पाबन्दी है, तो…
नई दिल्ली, 27 अगस्त | कैंसर से जूझ रहे मेरे पिता ने कहा, “तू आगे बढ़, जो होगा देखा जाएगा’।…
मेरठ के पास स्थित एक गांव से निकल कर जकार्ता में भारत का परचम लहराने वाले 16 साल के निशानेबाज…
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| भारत रत्न, सरस्वती पुत्र एवं देश की राजनीति के युगवाहक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी…
नई दिल्ली, 9 अगस्त | अगस्त क्रांति भारत से ब्रितानी हुकूमत को उखाड़ फेंकने की अंतिम और निर्णायक लड़ाई थी,…
चेन्नई, 7 अगस्त | मुथुवल करुणानिधि द्रविड़ अभियान से जुड़े उन अंतिम लोगों में से एक थे, जो तमिलनाडु में…
नई दिल्ली, 6 अगस्त | देश में अक्सर जब बात बच्चों से यौन उत्पीड़न के मामलों की आती है तो…
नई दिल्ली, 28 जुलाई | मॉब लिंचिंग के इस दौर में देश की चर्चित चित्रकारों में शुमार अंजलि इला मेनन…
इन्द्रेश कुमार सरीखे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ विचारक/प्रचारक/नेता का नज़रिया कितना संकुचित और मूर्खतापूर्ण हो सकता है, इसे समझने…
नई दिल्ली, 22 जुलाई | दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, चेन्नई समेत देश के कई हिस्सों में स्कूलों के अंदर कुछ छात्रों…
अब तो भीड़, पुलिस को भी पीट डालती है। क़ानून को हाथ में लेने वालों का पुलिस-अदालत कुछ नहीं बिगाड़ पाती। यही आलम दंगाइयों का भी होता है। उनके चेहरे पर भी भीड़ का मुखौटा ही होता है।
नई दिल्ली, 15 जुलाई | दुनिया की सर्वाधिक तीव्र दर से आर्थिक विकास वाली भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के कई संकेतकों…
नई दिल्ली, 15 जुलाई | पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कहना है कि देश में ‘अतिसतर्कता’ उफान पर है और…
यदि भारत की जीडीपी एक दशक में दोगुनी हो गयी और वो कौन-कौन से देश हैं, जिनकी जीडीपी इसी दौरान भारत की जीडीपी से पहले दोगुनी हुई है?
साल 2016 में राजीव अग्रवाल नाम के ट्विटर हैंडल से मुझे धमकी दी गई थी कि तुम्हारे साथ निर्भया जैसा हाल होना चाहिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इन लोगों के मन में भय नहीं है। इन लोगों को जब तक सख्त सजा नहीं मिलेगी, तब तक ये इस तरह के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करते रहेंगे।”
नई दिल्ली, 29 जून | कार्यान्वयन ढांचे में गड़बड़ियों और परेशानियों के बीच एकीकृत कर व्यवस्था के रूप में सामने…
अपने अब तक के राजनीतिक करियर में मुखर्जी जिन मान्यताओं और मूल्यों पर कायम रहने के लिए जाने जाते रहे, क्या उन्हें ताक पर रखकर उनका नागपुर जाने का फैसला गलत था?
भोपाल, 4 जून | मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में फर्जी मतदाता बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इसे लेकर…
नई दिल्ली, 7 मई | मध्यप्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष कमलनाथ का कहना कि पार्टी में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री…
अभी तो संघ प्रमुख मोहन भागवत की ओर से तो ये यक्ष-प्रश्न उछाला ही नहीं गया है कि काँग्रेस के ज़माने में कितने बलात्कार और हत्याएँ होती थीं! राहुल गाँधी पहले अपनी चार पीढ़ियों के राज में हुए रेप का ब्यौरा दें, फिर उनके कैंडल-मार्च को गम्भीरता से लेने पर विचार किया जा सकता है!
कबीरपंथी परिवार में जन्मे डॉ. भीमराव अंबेडकर अपनी 127वीं जयंती के मौके पर भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितना संविधान…
बीते चार सालों में हमारे संवैधानिक लोकतंत्र की दो अहम विशेषताओं का पतन हुआ है। पहला, क़ानून के सर्वोपरि होने की धारणा पर हमले हुए हैं। दूसरा, क़ानूनी प्रक्रिया का सियासी मक़सद के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है।
पूर्वोत्तर के त्रिपुरा व नगालैंड में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब मोदी लहर की परीक्षा उत्तर प्रदेश में…
देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कई हजार करोड़ों का चूना लगाने वालों में हीरा कारोबारी नीरव मोदी, शराब…
राहुल गांधी पार्टी में बदलाव लाएंगे और वह कांग्रेस को नया स्वरूप देंगे।
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक के. पी. रामानुन्नी का कहना है कि भाजपानीत केंद्रीय सरकार अप्रत्यक्ष रूप से हिंदू सांप्रदायिक…
भोपाल, 26 जनवरी | एकता परिषद के संस्थापक पी.वी. राजगोपाल का कहना है कि देश के 69वें गणतंत्र दिवस पर…
चालू गन्ना पेराई वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में देशभर में चालू 504 चीनी मिलों में 15 जनवरी 2018 तक 135.37 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को इस साल से हज सब्सिडी की समाप्ति की घोषणा की थी।
देश की सभी संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। यह एक खतरनाक खेल है। प्रधानमंत्री कालिदास की तरह व्यवहार कर रहे हैं, वह जिस शाखा पर बैठे हैं उसी को काटने की कोशिश कर रहे हैं।
हेगड़े, उस धूर्त भगवा रणनीति को हवा देना चाहते हैं, जिसके तहत कर्नाटक के मन्दबुद्धि और अशिक्षित हिन्दुओं में ये ज़हर भरा जा सके कि ‘तख़्त बदल देंगे, ताज बदल देंगे, कर्नाटक जीते तो संविधान बदल देंगे!’
साफ़ है कि 2012 में हमारे सुप्रीम कोर्ट पर भी वो आम धारणा हावी थी, जिसमें ये माना जाता है कि हमारे सारे के सारे नेता चोर हैं, सारी की सारी पार्टियाँ बेईमान हैं। जबकि हमारी नौकरशाही बड़ी ईमानदार और कर्तव्यपरायण है।
निर्भया कांड के बाद महिला सुरक्षा को लेकर देश में बड़े-बड़े वादे किए गए। महिलाओं के खिलाफ इस तरह के…
गुजरात मॉडल का हर वक़्त बख़ान करने वाले नरेन्द्र मोदी को गुजरात में प्रचार के लिए इतना अधिक वक़्त लगाना पड़ा, मानो वो देश के प्रधानमंत्री नहीं बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री हों। इतना ही नहीं, चुनाव प्रचार के दौरान तो प्रधानमंत्री अपने ‘विकास के गुजरात मॉडल’ की बातें करने से भी कतराते रहे।
राजनीति में संख्या यानी अंकगणित, बहुत मायने रखती है। चुनाव में बीजेपी जीती है। हालाँकि गुजरात में उसकी संख्या कम…
असली हिन्दू और नकली हिन्दू, हिन्दू या ग़ैर-हिन्दू जैसी फ़िज़ूल की बातों में लोगों को उलझाया जाता है। झूठ फैलाया जाता है कि सरदार पटेल और सुभाष चन्द्र बोस से नेहरू की ठनी रहती थी। इन्हें पता ही नहीं है कि उस दौर के नेताओं में मतभेदों के बावजूद साथ चलने, एक-दूसरे का आदर करने तथा सही मायने में देश को आगे रखने का बेजोड़ संस्कार था। इन्हीं संस्कारों की वजह से काँग्रेस पार्टी दशकों तक जनता की चहेती बनी रही।
हिन्दूवाद एक जीवनशैली है। इसीलिए इसे विचारधारा के दायरे में नहीं बाँधा जा सकता। जब भी ऐसा करने की कोशिश की जाएगी, तब हिन्दूवाद की आत्मा नष्ट हो जाएगी।
15 नवंबर को भारत, झारखंड स्थापना दिवस के तौर पर मना रहा है, इससे भी ज्यादा जरूरी है कि वो…
भारत के ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कोई नई बात नहीं है, 19वीं शताब्दी में जब खुद को प्रगतिशील कहने…
शुरू में बैंकों में भारी भीड़ थी, इसलिए मैं नहीं बदलवा सकी और मुझे अचानक मालूम हुआ कि नोट बदलवाने की तारीख बीत गई।
हाल ही में अहमदाबाद के प्रमुख सदर अस्पताल में तीन दिन में 18 नवजात शिशुओं की मौत के बाद इसके…
जिन ट्रेनों को अब सुपरफास्ट बनाया गया है, उनमें पुणे-अमरावती एसी एक्सप्रेस, पाटलीपुत्र-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, विशाखापट्टनम-नांदेड़ एक्सप्रेस, दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस, कानपुर-ऊधमपुर एक्सप्रेस, छपरा-मथुरा एक्सप्रेस, रॉक फोर्ट चेन्नई-तिरुचिलापल्ली एक्सप्रेस, बेंगलोर-शिवमोग्गा एक्सप्रेक्स, टाटा-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस, दरभंगा-जालंधर एक्सप्रेस, मुंबई-मथुरा एक्सप्रेस और मुंबई-पटना एक्सप्रेस शामिल हैं।
देश के व्यापारिक माहौल का जश्न हम तभी मना सकते हैं जब असंगठित क्षेत्र के लघु और मझोले व्यापारी ये…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसे ‘नये भारत’ का वादा किया था जो भ्रष्टाचार रहित, कारोबार को प्रोत्साहित करने वाला और…
भारतीय मूल का अमेरिकी होने के नाते मुझे दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों में रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ…
मुख्यमंत्री भले ही यह कहें कि राज्य की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं, मगर यह बात भी उतनी ही सही है कि राज्य के कई इलाकों की सड़कों पर चलना आसान नहीं है। आलम यह है कि यहां जरा से सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।
राष्ट्रपति कोविन्द ने टीपू सुल्तान के मामले में पार्टी लाइन से अलग हटकर अपना नज़रिया देश के सामने रखा है। इससे ज़ाहिर है कि बीजेपी समाज को बाँटने तथा हिन्दू-मुसलमान को आपस में लड़ाने के लिए नीचता की किसी भी हद्द को आसानी से पार कर सकती है।
पंजाब की गुरदासपुर संसदीय उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है, जमीनी सच्चाई यह है कि इतनी बड़ी कामयाबी…
बृज खंडेलवाल आगरा, 20 अक्टूबर | पर्यटन जगत के दिग्गजों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताजमहल का…
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में मात्र 4566़1 वर्गफीट में पेंटिंग दर्ज है, जबकि भारत में सबसे बड़ी पेंटिंग का रिकॉर्ड मात्र 720 वर्गफीट का है।
मुंबई एक अक्तूबर : सरकार द्वारा पर्याप्त नौकरियां सृजित करने में नाकाम रहने के कारण में देश में आय असामनता…
बात 2013 के विधानसभा चुनाव की करें, तो समझ में आता है कि चुनाव से पहले राज्य के क्षत्रपों दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किस तरह पार्टी की जीत की बजाय अपने समर्थकों को टिकट दिलाने में दिलचस्पी दिखाई थी।
कुरैशी दो और किताबों पर काम कर रहे हैं। इनमें से एक ‘फैमिली प्लानिंग इन इस्लाम’ और दूसरी ‘एलेक्टोरल रिफार्म्स इन साउथ एशिया’ है।
अर्थव्यवस्था गम्भीर संकट में है। विकास के सभी मानक लगातार गिर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही यानी…
गुजरात में 24 मुख्यमंत्रियों में 16 मुख्यमंत्री सवर्ण जातियों- ब्राह्मण, बनिया और क्षत्रिय के रहे हैं, जबकि वर्चस्व वाली पाटीदार जाति छह अवसरों पर राज सिंहासन पर आरूढ़ हुई है।
फोरम फॉर दुर्गोत्सव के अध्यक्ष पार्थ घोष बताते हैं कि वास्तव में आयोजकों के लिए नई टैक्स प्रणाली ‘अस्पष्ट’ है। नई कर व्यवस्था लागू होने के बाद बुरी तरह प्रभावित हुआ उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र इस साल विज्ञापन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।
उनकी हत्या से समूचा पत्रकार जगत स्तब्ध है। बॉलीवुड और खेल जगत तक खुलकर उनके समर्थन में खड़ा है। किसी विचारधारा की आलोचना गुनाह है क्या?
सदियों से सामाजिक सुधार की प्रक्रिया बहुत धीमी और कष्टकारी रही है। 500 साल पहले मार्टिन लूथर किंग ने कैथोलिक…
15 वर्षो की लंबी लड़ाई के बाद आखिकार दो साध्वियों को न्याय मिल गया है। विगत काफी दिनों से देश…
अरुं धति ने इस परमाणु परीक्षण की आलोचना करते हुए ‘द एंड ऑफ इमैजिनेशन’ शीर्षक से एक लेख लिखा, और इसके साथ ही राजनीतिक और सामाजिक चेतना से युक्त अरुं धति दुनिया के सामने आई।
वीडियो और तस्वीरों वाले साक्ष्य व रिपोर्टरों की व्यक्तिगत उपस्थिति डीजीपी के उस दावे को नकार रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि हरियाणा पुलिस के जवान डेरा समर्थकों का डटकर मुकाबला कर रहे थे।
पिछले 34 महीनों में राज्य की प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था में वरिष्ठ नौकरशाहों और अधिकारियों का स्थानान्तरण एक मजाक बन कर रह गया है। मुख्यमंत्री ने अपने दफ्तर में ही प्रमुख सचिवों एवं अन्य नौकरशाहों को कई बार बदला है।
बाबाओं और संतों के नाम पर अगर इसी तरह लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी मिलती रहेगी तो फिर देश और उसके संविधान का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। उस स्थिति में हम एक राष्ट्र के निर्माण के बजाए ऐसे समाज का निर्माण कर रहे, होंगे जहां सदाचार की बजाय कदाचार अधिक होगा।
इस फैसले को लेकर मुस्लिम संप्रदाय भड़का हुआ है। वह आगे क्या कुछ कदम उठा सकता है, इसके बारे में पूछे जाने पर दयाल कहते हैं, “वे रिव्यू पेटीशन डाल सकते हैं, लेकिन इसमें भी कुछ गुंजाइश नहीं है। हां, संसद में कानून बनने के लिए बहस के दौरान वह कुछ सांसदों के हवाले से कह सकते हैं कि सरकार इस पर दखल न दे।”
अगले महीने हमारे प्रधानमंत्री और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे मिलकर मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखेंगे, जिसकी रफ्तार 350 किलोमीटर…
शाह का बयान आने के बाद से 75 वर्ष की उम्र पार कर चुके गौर और सरताज ने पूर्व में लिए गए फैसले पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। वहीं पार्टी के भीतर और बाहर यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या इन दोनों नेताओं से झूठ बोला गया था?
निजता के अधिकार को लेकर दुनिया भर के लोकतंत्र में ज़बरदस्त बहस छिड़ी हुई है। संचार क्रान्ति से जुड़ी उन्नत…
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए यह चेतावनी जैसी होनी चाहिए, जो ऊपर से तो देश की अंदरूनी और बाह्य सुरक्षा के लिए स्पष्टत: खतरा नजर आती है, लेकिन वास्तव में यह देश की राजनीति में हिंदू राष्ट्रवाद की धाक जमाने के एजेंडे को ही पूरा करती है।
भारत को अभी निष्पक्ष मीडिया, स्वतंत्र न्यायपालिका, प्रमाणिक जाँच एजेंसियाँ, ईमानदार सरकारी अफ़सरों के अलावा एक ऐसे अर्थतंत्र की बेहद ज़रूरत है जिसे पुख़्ता बैंकिंग आधार की गति मिले।
नोटबन्दी से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई सवाल ऐसे हैं, जिन्हें मोदी सरकार से पूछना बेहद ज़रूरी है
क्या किसान विवश हैं और खेती विवशता? यह प्रश्न आने वाले दिनों में बहुत अहम होगा। फिलहाल पूरे देश में…
नई दिल्ली, 20 जून | राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को जब…
बैंकों का 11 प्रतिशत क़र्ज़ा डूब चुका है। इससे क़र्ज़ पाना मुश्किल हो गया है। माँग में कमी होने की वजह से क़र्ज़ लेने की गतिविधि का बुरी तरह से प्रभावित होना बेहद चिन्ताजनक है। बेरोज़गारी की भरमार है। हर साल रोज़गार की चाहत रखने वालों की संख्या में 1.2 करोड़ लोगों का इज़ाफ़ा हो रहा है। लेकिन साल 2015 में जहाँ 1.35 लाख लोगों को रोज़गार मिला, वहीं 2016 में रोज़गार पाने वालों की तादाद सिर्फ़ 2.31 लाख रहा।