अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने नए तदर्थ न्यायाधीश नियुक्ति की तक कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई स्थगित करने की पाकिस्तान की गुजारिश को ठुकरा दिया। 18 फरवरी से शुरू हुई सुनवाई 21 फरवरी तक चलेगी।
सुनवाई के दौरान पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखा। पाकिस्तान की तरफ से अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने पक्ष रखते हुए कहा कि जाधव मामले में पाकिस्तान की सैन्य अदालत में संविधान के अंतर्गत निष्पक्ष ट्रायल चला है। पाक अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जाधव भारत की खुफिया एजेंसी का हिस्सा हैं। उन्हें ये बात मानी है।
अनवर मंसूर खान ने कहा कि भारत की तरफ स आईसीजी में याचिका पुरानी लोकोक्ति का उदाहरण है “जिसमें कहा गया है कि मुंह में राम और बगल में छूरी। मैनें भारतीय बर्बरता देखी है।” पाकिस्तान ने आईसीजे में कहा कि भारत के इस केस को कोर्ट को फौरन अस्वीकार कर देना चाहिए क्योंकि यह पूरी तरह से झूठ पर आधारित है। इस में लगाए गए आरोप मगढंत और हास्यास्पद है।
सोमवार को भारतीय पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए थे और उन्होंने पाकिस्तान का झूठ दुनिया के सामने लाकर उसे बेपर्दा कर दिया था।
साल्वे ने कहा कि कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस के लिए पाकिस्तान को तीन महीने का समय क्यों चाहिए।
साल्वे ने कहा कि बिना काउंसलर एक्सेस के जाधव की हिरासत को गैर कानूनी घोषित करना चाहिए। पाकिस्तान को बिना देरी किए काउंसलर एक्सेस देना चाहिए।
भारत ने दलील दी है कि पाकिस्तान के पास कोई ठोस दलील नहीं है। कुलभूषण जाधव को रिहा किया जाए। पाक ने जाधव को कॉन्सुलर एक्सिस नहीं दिया है। जबकि भारत कन्सुलर एक्सिस का अनुरोध भेजता रहा है। पाकिस्तान ने विएना संधि का भी उल्लंघन किया है। पाक आईसीजे का इस्तेमाल प्रोपेगेंडा के लिए कर रहा है।
साल्वे ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को 30 मार्च, 2016 को जाधव के लिए कॉन्सुलर एक्सिस का अनुरोध भेजा था। लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। कई अन्य तारीखों पर भारत की ओर से 13 रिमाइंडर भेजे गए थे।
पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा, जाधव मामले में राजनयिक संपर्क पर वियना संधि के उल्लंघन सहित केवल दो मूल मुद्दे हैं।
उन्होंने कहा कि जांच का भी पता नहीं है और मौत की सजा सुना दी गई। भारत की ओर से दलील में कहा गया है कि पाक मिलिट्री कोर्ट की सुनवाई ठीक नहीं है। जाधव को वकील तक नहीं दिया गया। पाक ने कई भरोसेमंद सबूत नहीं दिए हैं।
इसी मामले में दूसरे दौर की जिरह 20 फरवरी को शाम साढ़े सात बजे से नौ बजे रात तक चलेगी जिसमें भारत अपना पक्ष रखेगा। अगले दिन 21 फरवरी को रात नौ बजे से 10.30 बजे तक पाकिस्तान अपनी बात रखेगा। 20 फरवरी को भारत अपना जवाबी तर्क पेश करेगा, वहीं पाकिस्तान 21 फरवरी को अपना अंतिम पक्ष कोर्ट में दर्ज कराएगा।
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