प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को असम के कोकराझार की प्रस्तावित यात्रा से पहले सोमवार को बोडो संगठनों ने अलग राज्य की अपनी मांग दोहराई है.
बोडो स्टूडेंट यूनियन (एबीएसयू), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड-प्रोग्रेसिव और पीपुल्स जॉइंट एक्शन कमेटी फॉर बोडोलैंड मूवमेंट ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 19 जनवरी से पहले बोडो समुदाय की इस लंबित मांग पर रुख स्पष्ट करना होगा.
एबीएसयू के अध्यक्ष प्रमोद बोरो ने सोमवार को कहा, “अलग राज्य के लिए बोडो लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. बोडो आंदोलन में सात हजार से अधिक लोग अपनी जान दे चुके हैं. हमारी मांग संविधान के अनुच्छेद दो और तीन के तहत अलग बोडो राज्य के गठन की है.”
मोदी मंगलवार को गुवाहाटी के पास लोकप्रिय बोर्दोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरेंगे और एक जनसभा को संबोधित करने के लिए कोकराझार रवाना हो जाएंगे.
मोदी की मंगलवार को गुवाहाटी के खानापाड़ा में भी जनसभा होनी है. इसके बाद वह आईआईटी-गुवाहाटी भी जाएंगे. एनडीएफबी-पी के महासचिव गोबिंद बासुमतारी ने कहा कि बोडो समुदाय मोदी की यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.
बासुमतारी ने कहा, “बोडोलैंड भारतीय जनता पार्टी के 2014 के आम चुनाव के घोषणापत्र में था. पार्टी केंद्र की सत्ता में भी आ गई, लेकिन इस मांग को पूरा करने की दिशा में कुछ नहीं हुआ.”
उन्होंने कहा कि भाजपा ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आई तो छह महीने में पूर्वोत्तर के विद्रोह संबंधी मसले को हल कर देगी. लेकिन, आज पार्टी के सत्ता में आने के 19 माह बाद भी कुछ नहीं हुआ है.
Wefornews Bureau