भारतीय फार्मा क्षेत्र में विस्तार की नई लहर: सेनोरेस ने किया ‘अपना फार्मा’ का अधिग्रहण, तो दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश का ओर्वकल बन रहा नया मैन्युफैक्चरिंग हब

भारतीय दवा उद्योग में इन दिनों जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है, जहाँ एक ओर कम्पनियाँ रणनीतिक अधिग्रहण के जरिए अपनी क्षमता बढ़ा रही हैं, वहीं दूसरी ओर नए औद्योगिक क्लस्टर्स का तेजी से विकास हो रहा है। इसी कड़ी में सेनोरेस फार्मास्यूटिकल्स ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपना फार्मा (Apnar Pharma) के सौ फीसदी अधिग्रहण की घोषणा की है, जबकि दक्षिण भारत में आंध्र प्रदेश का ओर्वकल एक प्रमुख फार्मा हब के रूप में उभर रहा है।

सेनोरेस फार्मास्यूटिकल्स का रणनीतिक कदम

सेनोरेस फार्मास्यूटिकल्स ने घोषणा की है कि उसने अपना फार्मा की शेयर पूंजी का 100% अधिग्रहण करने के लिए एक शेयर खरीद समझौते (SPA) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सौदा दो किश्तों में पूरा किया जाएगा। कंपनी की योजना के अनुसार, 75% हिस्सेदारी का अधिग्रहण चालू वित्त वर्ष में मार्च 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है, जबकि शेष 25% हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2027 की दूसरी तिमाही तक सेनोरेस के पास आ जाएगी।

इस पूरे सौदे का कुल उद्यम मूल्य (Enterprise Value) लगभग 91 करोड़ रुपये आंका गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस राशि में से करीब 76 करोड़ रुपये कर्ज और विनिर्माण इकाई से जुड़ी देनदारियों के रूप में हैं, जिन्हें सेनोरेस वहन करेगी। बाकी बची हुई लगभग 15 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान नकद में किया जाएगा। अपना फार्मा मुख्य रूप से जेनेरिक दवा फॉर्मूलेशन के निर्माण में लगी हुई है और वित्त वर्ष 2025 में इसका टर्नओवर 14.21 करोड़ रुपये रहा था।

गुजरात में विनिर्माण क्षमता का विस्तार

इस अधिग्रहण का सबसे बड़ा लाभ सेनोरेस को विनिर्माण क्षमता के रूप में मिलेगा। अपना फार्मा की विनिर्माण सुविधा गुजरात के वडोदरा के पास स्थित है। यह फैसिलिटी अमेरिकी एफडीए (US FDA), यूके-एमएचआरए (UK-MHRA) और हेल्थ कनाडा जैसे कड़े नियामकों द्वारा अनुमोदित है। सेनोरेस खुद एक रिसर्च-ड्रिवन कंपनी है जो अमेरिका, कनाडा और अन्य रेगुलेटेड बाजारों के लिए दवाएं बनाती है, ऐसे में यह नया प्लांट उनकी सप्लाई चेन को और मजबूत करेगा।

बाजार ने भी इस खबर को सकारात्मक रूप से लिया है। सेनोरेस का समेकित शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 152.18% बढ़कर 32.28 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि राजस्व 56.08% की छलांग लगाकर 153.36 करोड़ रुपये पर पहुँच गया। बीएसई पर कंपनी का शेयर मामूली बढ़त के साथ 816.90 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

आंध्र प्रदेश के ओर्वकल में फार्मा क्लस्टर का उदय

जहाँ गुजरात में कॉरपोरेट अधिग्रहण की खबरें हैं, वहीं आंध्र प्रदेश का ओर्वकल क्षेत्र बुनियादी ढांचे के विकास की नई कहानी लिख रहा है। हैदराबाद से अपनी भौगोलिक निकटता और आंध्र प्रदेश औद्योगिक अवसंरचना निगम (APIIC) द्वारा विकसित वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते ओर्वकल तेजी से एक फार्मास्युटिकल क्लस्टर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

हाल ही में हैदराबाद स्थित विरुपाक्ष ऑर्गेनिक्स लिमिटेड और सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों ने ओर्वकल, कुरनूल जिले में अपने परिचालन का विस्तार करने का फैसला किया है। यह कदम इस बात को रेखांकित करता है कि आंध्र प्रदेश फार्मास्युटिकल विनिर्माण के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।

विरुपाक्ष ऑर्गेनिक्स का बड़ा निवेश

इस उभरते हुए हब में एक महत्वपूर्ण विकास तब हुआ जब विरुपाक्ष ऑर्गेनिक्स लिमिटेड को ओर्वकल नोड के आईपी गुट्टापाडु क्लस्टर में 100 एकड़ से अधिक भूमि के आवंटन की मंजूरी मिली। कंपनी यहाँ एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (APIs) और कार्बनिक रसायनों के लिए एक विनिर्माण सुविधा स्थापित करने जा रही है।

यह परियोजना केवल एक फैक्ट्री लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें 1,225 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश शामिल है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे लगभग 1,500 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, लॉजिस्टिक्स, यूटिलिटीज और सहायक सेवाओं में भी बड़े पैमाने पर अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।