मंगलवार को भारतीय बाज़ारों के लिए एक बेहद सकारात्मक दिन रहा। वस्तु एवं सेवा कर (GST) में संभावित सुधारों की उम्मीद और अर्थव्यवस्था के बेहतर दृष्टिकोण को लेकर निवेशकों के उत्साह के कारण शेयर बाज़ार में ज़ोरदार तेज़ी देखी गई, वहीं भारतीय रुपये ने भी डॉलर के मुक़ाबले अच्छी बढ़त हासिल की। हालांकि, कीमती धातुओं में मिला-जुला रुख रहा, जहाँ सोना कमज़ोर हुआ तो चाँदी की चमक बढ़ गई।
शेयर बाज़ार में ज़ोरदार तेज़ी
घरेलू शेयर बाज़ारों ने मंगलवार का अंत शानदार बढ़त के साथ किया। बीएसई सेंसेक्स 676 अंकों की ज़बरदस्त छलांग लगाकर 81,274 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 लगभग 1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,877 पर बंद हुआ।
इस रैली की अगुवाई ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रियल्टी शेयरों ने की, जिनमें 2 से 4 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई। इसके अलावा मेटल, एफएमसीजी, टेलीकॉम और निजी बैंकिंग शेयरों ने भी बाज़ार की तेज़ी को बल दिया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा सोमवार को 550.85 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदने के आंकड़ों ने भी बाज़ार की धारणा को मज़बूत किया।
GST सुधारों की उम्मीद ने भरा जोश
बाज़ार में इस सकारात्मक माहौल का मुख्य कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के भाषण में दिए गए GST पुनर्गठन के संकेत हैं। विश्लेषकों का मानना है कि प्रस्तावित नए GST ढाँचे से कर प्रणाली सरल होगी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
प्रस्ताव के अनुसार, मौजूदा 0%, 5%, 12%, 18% और 28% की चार-स्तरीय कर प्रणाली को बदला जा सकता है। इसकी जगह 5% और 18% के दो मुख्य स्लैब लाए जा सकते हैं, साथ ही कुछ चुनिंदा 5-7 डीमेरिट वस्तुओं (जैसे लक्ज़री सामान) के लिए 40% का एक विशेष स्लैब हो सकता है। यदि GST परिषद इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो 12% और 28% के स्लैब समाप्त हो जाएंगे, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी।
अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले रुपया एक महीने के उच्चतम स्तर पर
मुद्रा बाज़ार में भी तेज़ी का माहौल रहा। भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले 40 पैसे की बढ़त दर्ज करते हुए 86.99 (अनंतिम) के स्तर पर बंद हुआ, जो कि एक महीने का उच्चतम स्तर है। दिन के कारोबार के दौरान, रुपया 87.24 पर खुला और इसने 86.92 के उच्च स्तर और 87.31 के निचले स्तर को छुआ।
मीराए एसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक, अनुज चौधरी के अनुसार, “GST युक्तिकरण की उम्मीद और अमेरिका द्वारा अतिरिक्त टैरिफ की चिंताओं के कम होने से रुपये को समर्थन मिला।” उन्होंने यह भी कहा कि कच्चे तेल की गिरती कीमतें और डॉलर में वैश्विक कमज़ोरी भी रुपये के पक्ष में है। हालांकि, आयातकों की ओर से डॉलर की बढ़ती मांग तेज़ बढ़त पर अंकुश लगा सकती है। विश्लेषकों का अनुमान है कि USD-INR स्पॉट की कीमत 86.70 से 87.40 के दायरे में रह सकती है।
सर्राफा बाज़ार में मिला-जुला रुख
कीमती धातुओं के बाज़ार में मंगलवार को मिला-जुला कारोबार देखने को मिला। एक ओर जहाँ सोने की कीमतों में नरमी आई, वहीं चाँदी मज़बूत हुई।
सोना: सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग कमज़ोर पड़ने से इसकी कीमतों पर दबाव देखा गया। MCX पर अक्टूबर वायदा सोना ₹22 की मामूली बढ़त के बावजूद ₹99,860 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जो दो सप्ताह का निचला स्तर है और ₹1 लाख के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे है। विश्लेषकों का मानना है कि सोना एक सीमित दायरे में रह सकता है और इसमें गिरावट का रुख बना रह सकता है।
चाँदी: सोने के विपरीत, चाँदी की कीमतों में उछाल आया। MCX पर सितंबर डिलीवरी के लिए वायदा चाँदी की कीमत ₹201 बढ़कर ₹1,14,144 प्रति किलोग्राम हो गई। हाज़िर बाज़ार में भी, चेन्नई जैसे कुछ शहरों में चाँदी की कीमत लगभग ₹1,27,000 प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई।