भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। एक तरफ जहां सरकार की नीतियां जमीनी स्तर पर रोजगार और निवेश को बढ़ावा दे रही हैं, वहीं दूसरी तरफ शेयर बाजार में इस सेक्टर की स्मॉल कैप कंपनियां अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में लगी हैं। हाल ही में संसद में दी गई जानकारी और एमआईसी इलेक्ट्रॉनिक्स (MIC Electronics Ltd.) के ताजा आंकड़ों का विश्लेषण करने पर बाजार की दिलचस्प तस्वीर उभरती है।
ईएमसी 2.0 योजना और रोजगार के अवसर
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि मॉडिफाइड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (EMC 2.0) योजना के तहत बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की संभावना है। 10 राज्यों में फैले इन क्लस्टर्स में अनुमानित 1,46,846 करोड़ रुपये के निवेश के साथ लगभग 1.80 लाख नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद जताई गई है।
सरकार ने अब तक 11 ईएमसी और 2 कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये परियोजनाएं 4,399.68 एकड़ क्षेत्र को कवर करती हैं, जिनकी कुल लागत 5,226.49 करोड़ रुपये है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 2,492.74 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता शामिल है, जो इस क्षेत्र के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश की ताजा स्थिति
एमएसएमई मंत्रालय के तहत ‘नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज’ द्वारा किए गए एक स्वतंत्र प्रभाव आकलन में पाया गया है कि इस योजना से इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के बुनियादी ढांचे में तेजी आई है। सप्लाई चेन की प्रतिक्रिया बेहतर हुई है और लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी देखने को मिल रही है।
खास बात यह है कि ईएमसी 2.0 पार्कों के भीतर कम से कम 10 प्रतिशत क्षेत्र ‘रेडी-बिल्ट फैक्ट्री’ (RBF) शेड्स के लिए आरक्षित किया गया है, जो फिलहाल निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। निवेश के मोर्चे पर भी सकारात्मक संकेत मिले हैं; 123 भूमि आवंटियों (निर्माताओं) से 1,13,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता प्राप्त हो चुकी है। इनमें से नौ इकाइयों ने तो उत्पादन भी शुरू कर दिया है, जिससे 12,569.69 करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतर चुका है और 13,680 लोगों को रोजगार मिला है।
एमआईसी इलेक्ट्रॉनिक्स: बाजार का प्रदर्शन
इस सकारात्मक उद्योग माहौल के बीच, 1988 में स्थापित और इलेक्ट्रिक/इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में सक्रिय स्मॉल कैप कंपनी, एमआईसी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के प्रदर्शन पर भी निवेशकों की नजर है। कंपनी का मार्केट कैप लगभग 1326.77 करोड़ रुपये है। हालांकि, शेयर बाजार में कंपनी के स्टॉक में मामूली गिरावट देखी गई है। हालिया कारोबारी सत्र में शेयर 0.73 अंक (-1.65%) गिरकर 43.75 रुपये पर बंद हुआ।
दिन के कारोबार के दौरान स्टॉक ने 43.50 रुपये का निचला स्तर और 44.48 रुपये का उच्च स्तर हुआ। कंपनी का पी/ई अनुपात (P/E Ratio) 110.12 है, जो निवेशकों के लिए मूल्यांकन का एक महत्वपूर्ण पैमाना है। वहीं, इसका 52 हफ्तों का निचला स्तर 41.66 रुपये और उच्च स्तर 81.00 रुपये के करीब रहा है, जो स्टॉक में आई हालिया अस्थिरता को दर्शाता है।
बिक्री में जबरदस्त उछाल
शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव के बावजूद, एमआईसी इलेक्ट्रॉनिक्स के तिमाही नतीजे कंपनी की मजबूत पकड़ का संकेत दे रहे हैं। 30 सितंबर 2025 को समाप्त हुई तिमाही के लिए, कंपनी ने 38.42 करोड़ रुपये की संगठित बिक्री रिपोर्ट की है। यह आंकड़ा इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि यह पिछली तिमाही की 11.75 करोड़ रुपये की बिक्री से 226.95% अधिक है।
अगर सालाना आधार पर तुलना करें, तो पिछले साल की इसी तिमाही (27.68 करोड़ रुपये) के मुकाबले बिक्री में 38.78% की वृद्धि दर्ज की गई है। कर पश्चात शुद्ध मुनाफा (Net Profit) भी सुधरकर 2.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। ये आंकड़े बताते हैं कि सरकारी प्रोत्साहन और बेहतर बाजार मांग का फायदा छोटी कंपनियों को भी मिल रहा है।