पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव ‘आचार संहित के उल्लंघन’ का आरोप लगाया है. उन्होंने मतदान के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रैली करने पर सवाल उठाए.
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के जयनगर में एक रैली की थी. इस दौरान उन्होंने ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पर तीखे हमले किए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “चुनाव में हार के डर से ममता बनर्जी दूसरी पार्टी के नेताओं से मदद और समर्थन की अपील कर रही हैं.”
मोदी ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी दो सौ से ज़्यादा सीटें हासिल करेगी.
पीएम मोदी ने ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “दीदी ओ दीदी… दीदी तृणमूल कुल नहीं बंगाल के लोगों के लिए शूल है शूल. बंगाल को असहनीय पीड़ा देना वाला शूल है तृणमूल. बंगाल के साथ अन्याय करने वाला शूल है तृणमूल.”
पश्चिम बंगाल में ही एक और रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कभी दीदी (ममता बनर्जी) मुझे टूरिस्ट कहती हैं. कभी बाहरी बताती हैं. दीदी आप घुसपैठियों को अपना मानती हैं लेकिन भारत माता के बच्चों को बाहरी बताती हैं. दीदी लोगों को बाहरी बताकर संविधान का अपमान करना बंद कीजिए.”
उन्होंने अपने बांग्लादेश दौरे को लेकर तृणमूल कांग्रेस की ओर से उठाए गए सवालों पर भी पलटवार किया. वहीं, ममता बनर्जी ने दावा किया कि नंदीग्राम में उन्हें ही जीत मिलेगी.
ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा की वो नंदीग्राम नहीं बल्कि लोकतंत्र को लेकर चिंतित हैं.
वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी के अनुसार नंदीग्राम के बयाल इलाक़े के सात नंबर बूथ पर बीजेपी समर्थकों की कथित धांधली और फ़र्ज़ी वोटिंग के आरोप के बाद ममता मौक़े पर पहुँची.
ममता के उस मतदान केंद्र पर पहुँचने के कुछ देर बाद हालत तनावपूर्ण हो गए और दोनों दलों के समर्थक एक दूसरे से भिड़ गए.
पुलिस वालों ने बड़ी मुश्किल से उनको अलग किया, लेकिन वो लोग एक खेत के दोनों किनारों पर खड़े होकर एक दूसरे के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करने लगे.
ममता ने वहां भीतर बैठ कर ही हाथ से चुनाव आयोग को शिकायती पत्र लिखा.
मुख्यमंत्री ने वहीं से राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फ़ोन कर पूरे मामले की जानकारी दी.
उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने नंदीग्राम की घटनाओं पर ज़िला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है.
जिस मतदान केंद्र पर यह बवाल हुआ वो मुख्य सड़क से दो किलोमीटर भीतर है.
ममता व्हील चेयर पर ही वहां पहुँची थी. कुछ देर बाद आयोग के पर्यवेक्षक भी केंद्रीय बालों के साथ मौक़े पर पहुँच गए.
क़रीब दो घंटे तक मतदान केंद्र में रहने के बाद जब टीएमसी और बीजेपी समर्थकों को दूर खदेड़ दिया गया तो ममता बाहर निकलीं.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “यहां 80 फ़ीसदी फ़र्ज़ी मतदान हुआ है और केंद्रीय बल के जवानों ने टीएमसी समर्थकों को वोट नहीं डालने दिया. मैने आयोग से शिकायत की है और एफ़आईआर भी दर्ज कराऊंगी.”
दूसरी ओर बीजेपी ने एक उम्मीदवार यानी ममता के दो घंटे तक मतदान केंद्र के भीतर रहने पर सवाल उठाया है.
प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “ममता समझ गई हैं कि उनकी हर तय है. इलाक़े में हिंसा भड़काने के लिए ही उन्होंने यह सब किया है.”
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की इलाक़े में तनाव क़ायम है. मौक़े पर भरी तादाद में सुरक्षा बल के जवानों को तैनात कर दिया गया है.