संसद में शिवसेना के चेहरे संजय राउत द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का देश के लिए समर्थन करने की बात कहे जाने के महज 24 घंटे बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीएबी पर पूरी तरह से यू-टर्न ले लिया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख ने कहा कि यह भाजपा का भ्रम है कि जो सीएबी से असहमत हैं, वे ‘देशद्रोही’ हैं।
पार्टी के पूर्व के रुख से पलटते हुए ठाकरे ने कहा, “कोई भी जो इससे असहमत है, वह देशद्रोही है, यह उनका भ्रम है। हमने नागरिकता संशोधन विधेयक में बदलाव के लिए सुझाव दिया है। यह एक भ्रम है कि सिर्फ भाजपा देश की परवाह करती है।”
राउत ने ट्वीट किया था, “अवैध घुसपैठियों को बाहर निकाला जाना चाहिए। अप्रवासी हिंदुओं को नागरिकता दी जानी चाहिए।”
मंगलवार को अपने पार्टी नेता के अप्रत्याशित रुख का सामना करते हुए राउत ने फिर ट्वीट किया, “राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है।” इसके बावजूद शिवसेना ने विधेयक को लोकसभा में पारित करने के लिए अपना समर्थन दिया।
ठाकरे ने यह भी कहा कि अगर कोई नागरिक इस विधेयक से भयभीत है तो सरकार को उसके संदेह को दूर करना चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, “वे हमारे नागरिक हैं, इसलिए उनके सवाल का जवाब दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हम चीजों के स्पष्ट होने तक विधेयक (नागरिकता संशोधन विधेयक) को समर्थन नहीं देंगे।”
इस बयान को खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा में अवरोध का सामना करना पड़ेगा, जहां सत्तारूढ़ भाजपा के पास संख्या की कमी है।
माना जा रहा है कि ठाकरे के रुख में यह बदलाव इसलिए आया है, क्योंकि नए सहयोगियों कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उनसे संपर्क किया होगा और अपने रुख को बदलने के लिए राजी किया गया होगा।
कांग्रेस व राकांपा ने सीएबी का विरोध किया है। कांग्रेस विधेयक को ‘असंवैधानिक’ बता रही है।
–आईएएनएस