लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर में शाम सा़ढे सात बजे भीषण आग लग गई। उस वक्त ट्रॉमा सेंटर में चार सौ से ज्यादा मरीज भर्ती थे। आग लगने का कारण एसी में शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने जांच के आदेश दिए हैं।
दूसरे फ्लोर पर स्थित एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट वार्ड में अचानक लगी आग देखते ही देखते विकराल हो गई और तीसरे फ्लोर पर मेडिसिन स्टोर में भी पहुंच गई। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि जलने से किसी भी व्यक्ति मौत नहीं हुई है।
चारो ओर धुंआ और भीषण आग की लपटों के बीच डाक्टर जिन मरीजों का ऑपरेशन कर रहे थे वे जान बचाने के लिए बीच में ही ऑपरेशन छो़डकर भाग गए। किसी तरह तीमारदारों ने स्ट्रेचर पर लादकर अपने मरीजों को नीचे उतारा। ट्रॉमा सेंटर के बाहर स़़डक पर स्ट्रेचर पर मरीजों की कतारें लग गईं। इसके बाद मरीजों को लारी कार्डियोलॉजी, शताब्दी अस्पताल के फेज एक व फेज दो, केजीएमयू के गांधी वार्ड में शिफ्ट किया जाने लगा।
जब यहां पर मरीज फुल हो गए तो सिविल व बलरामपुर अस्पताल भी भेजा जाने लगा। करीब चार सौ से अधिक मरीज शिफ्ट किए गए। आग पर दमकल की आधा दर्जन गाडि़यां काबू पाने में नाकाम साबित हो रहीं थी। कर्मचारियों ने किसी तरह खि़डकियों के शीशे तो़डकर धुंए को बाहर निकाला। देर रात तक आग बुझाने में दस दमकल, 45 दमकलकर्मी, एक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म कई थानों का पुलिसबल जुटा था। ट्रॉमा सेंटर में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जो मरीज फंसे थे उन्हें बाहर निकाला।
आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस दौरान 5 मरीजों की मौत भी हो गई। लेकिन अस्पताल प्रशासन इस बात से मना कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि जिन पांच मौतों की बात चल रही है उनमें से 2 ऐसे लोग हैं जिनकी मौत आग लगने से पहले हुई थी और तीन लोग घायल थे, जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हुई थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच तीन दिन के भीतर मंडलायुक्त लखनऊ से करने और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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